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हिंदी भाषा को प्रणाम, हिंदी दिवस 2022 

प्रियंका गुप्ता
 

 


हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 से पूरे विश्व में मानाया जाता है। हिंदी जहाँ अनगिनत लोगों की भाषा है वहीं सैंकड़ों लोगों के दिल में बसती है। इसी का प्रतिबिम्ब इस साल अट्लैंटा शहर के भारतीय कौंसलावास में देखने को मिला। भारतीय कौंसलावास अट्लैंटा ने अट्लैंटा हिन्दी समिति व धूपछाँव नाट्य समूह के साथ मिलकर २०२२ का हिन्दी दिवस शुक्रवार, सितम्बर १६ को कौंसलावास परिसर में बहुत ही धूम-धाम से सफलता पूर्वक मनाया। जहाँ १४० से भी अधिक लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिया।



माननीया क़ौंसल जनरल डॉ स्वाति विजय कुलकर्णी जी मुख्य अतिथि रहीं। शुरुआत डॉ कुलकर्णी जी के स्वागत भाषण से हुई, कोंसुल श्री मदन घिलदियाल जी ने अट्लैंटा हिंदी समिति के संजीव अग्रवाल व धूपछाँव नाट्य समूह की संध्या भगत को संचालन सौंपकर कार्यक्रम आरम्भ किया। कोंसुल श्री मदन घिलदियाल जी और कोंसुल श्री राजीब भट्टाचार्य जी का पूरा सहयोग इस कार्यक्रम के प्रबंधन में रहा । मिनी नैयर जी व कौंसलावास के अन्य कर्मचारियों का भी कार्यक्रम की सफलता में बहुत योगदान रहा।

इस बार अट्लैंटा शहर के कई स्कूलों ने भाग लिया। संगीत बितन म्यूज़िक स्कूल के बच्चों ने संगीत अध्यापिका मिस रिखिया साहा के नेतृत्व में सुरीली सरस्वती वन्दना गाकर शाम का समा बाँधा।
कॉब और डलूथ काउंटी के वीएचपीए बाल विहार हिंदी स्कूल के बच्चों ने, स्कूल संचालिका नीतू शर्मा, अध्यापिकाएँ ध्रुति नागर व शिखा त्यागी के नेतृत्व में भारत के परिचित अपरिचित लोगों को जोड़ते हुए मनोज मुंतशिर के एक गीत “ मैं उस भारत से आता हूँ” और एच ऐन सिंह की “हिन्दी भाषा राष्ट्र की भाषा” नामक कविता की प्रस्तुति दी।



संगीत बितन म्यूजिक स्कूल के बच्चों के नाम- अद्वय वेलांकी,अनुष्का साहा,अरिन समद्दर,नाईशा चौरसिया,निष्ठा दत्ता,प्रिशा लस्क़र,रिया अग्रवाल और शारवी चौरसिया।

वीएचपीए बालविहार हिन्दी स्कूल, कॉब के बच्चों के नाम- आरिन गुप्ता,आरिया गुप्ता,अनय धवन,आनिक धवन,आरना नागर,आनया नागर,अद्वीक बैनर्जी,रोहनीश जेना,रघुवीर गुरुप्रसाद,आश्रेया गौतम,अश्वी गुरूप्रसाद और आकर्ष महाजन।

वीएचपीए बालविहार हिन्दी स्कूल, डलूथ के बच्चों के नाम- आन्या त्यागी,श्रेया कश्यप,अभिनव शर्मा,अर्णव अग्रवाल,यशनील यादव,प्रांशू शर्मा,राजदीप साहू और सक्षम हांडा ।



स्वरचित रचनाओं में शिल्पा अग्रवाल, प्रियंका गुप्ता, पंकज शर्मा, पंकज पटेल और अश्विनी श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न विषयों पर जनता को आनंदित किया। विषय आम जिंदगी की तकलीफ जैसे की भूख से लेकर नवजात शिशु तक के थे, तो हंसी में आम जिंदगी पर टिप्पनी की गई, प्रेरणा दयाक कविता में जन्मभूमि को सहारा गया । किसी की कविता ने हास्य की लहर दौड़ा दी तो किसी की लघु कथा ने लोगों को संवेदनशील कर दिया।


 
इतना ही नहीं धूपछाँव नाट्य समूह की संध्या भगत के नेत्रत्व और दिशा से "कुँवारा बेचारा" नामक नाटक का प्रदर्शन किया गया। जिसमे उन्होने एक हास्य नाट्य के माध्यम से आज की कुछ समस्याओं को संबोधित किया। नाटक में भाग लेने वालो
के नाम- आशा गुप्ता, रीता कपाही,आशा शर्मा,वीणा कातदरे,वन्दना टाँटिया,निधि पीपल,हेमा जैन,ऋतंभरा मित्तल,शबाना सैयद, मोहोम्मद शोएब व अनिल भगत।

अनुभूति राठी और उनकी बिटिया आन्या राठी द्वारा एक दिलचस्प खेल "कवि जाने-माने – बूझो-तो-जाने" ख़िलाया जिसमे सभी लोग पूरे जोश से शामिल हुए। तालियों की गड़गड़ाहट से इस पूरे कार्यक्रम की समाप्ति हुई और आए लोगों ने भोजन ग्रहण किया।

 



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